कानपुर में साढ़े 4 लाख घरों में होगा कूड़ा प्रबंधन

Date:

Share post:

कानपुर में अब घरों से सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग लिया जाएगा। - Dainik Bhaskar

कानपुर में अब घरों से सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग लिया जाएगा।

कानपुर में शासन के निर्देश पर अब हर घर को कूड़ा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएगी। कानपुर में साढ़े 4 लाख घरों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग देनी की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए मोहल्ला समिति से लेकर मास्टर ट्रेनर भी तैनात किए जाएंगे। नगर निगम ने नए सिरे से तैयारी करना शुरू कर दिया है।

नगर निगम तैयार करेगा मास्टर ट्रेनर्स प्रत्येक जोन से 10 मास्टर ट्रेनर्स और प्रत्येक वार्ड से स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष का चयन कर बैचवार उन्हें चयनित ट्रेनिंग एजेंसी द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर भी ट्रेनिंग दी जाएगी।

कानपुर में नए सिरे से तय की जा रही है कूड़ा कलेक्शन की रणनीति।

कानपुर में नए सिरे से तय की जा रही है कूड़ा कलेक्शन की रणनीति।

हर वार्ड में 250 घर होंगे चिह्नित प्रशिक्षित जोन लेवल मास्टर ट्रेनर्स व एसवीपीएस के सदस्यों द्वारा रोस्टर बना कर हर वार्ड में सभी नागरिकों को एकत्रित कर सिटीजन लेड डिसेन्ट्रलाइज्ड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के बारे में ट्रेनिंग देंगे।

हर वार्ड में 250 घरों का चिह्नित कर ट्रेनिंग दी जाएगी। मोहल्ला समिति भी बनाई जाएगी। कूड़ा अलग-अलग करने के लिए घरों, स्कूलों और संस्थानों में कूड़ा प्रबंधन और कंपोस्टिंग के लिए भी ट्रेनिंग दी जाएगी।

फीडबैक भी लिया जाएगा नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि प्रतिभागियों को फीडबैक फॉर्म वितरित किए जाएंगे, जिससे कि प्रशिक्षण सत्रों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जा सके। इसके अलावा मोहल्ला समितियों का भी गठन किया जाएगा। मोहल्ला समिति वार्ड में कूड़ा प्रबंधन का कार्य भी दखेंगी।

सूखा और गीला कचरा का इस तरह होता है निस्तारण नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक शहर से रोजाना 1150 मिट्रिक टन कचरा उठाया जाता है जिसमें से 35 परसेंट गीला कचरा और 65 परसेंट सूखा कचरा होता है। गीला सूखा कचरा मिक्स होने से इसका निस्तारण ठीक से नहीं हो पाता जिससे कानपुर स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में भी लगातार पिछड़ रहा है।

कानपुर नगर निग मुख्यालय।

कानपुर नगर निग मुख्यालय।

इस तरह अलग-अलग होता है कूड़ा

इसको देखते हुए शासन ने भारी जुर्माना लगाने के भी निर्देश दिए थे। गीला कचरा में रसोई का कचरा, फल के छिलके, सड़े फल, सब्जी, बचा भोजन, अंडे के छिलके का कंपोस्ट खाद बनाकर इसका निदान किया जाता है।

जबकि सूखे कचरे में बोतल, कागज कप, प्लेट, अखबार, बॉक्स, कपड़े, प्लास्टिक और लकड़ी का निपटान करने का अलग तरीका होता है।

50% LikesVS
50% Dislikes

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

डी.बी.एस. कॉलेज में ‘अभिव्यक्ति’ वार्षिकोत्सव में छात्रों ने दिखाया अपना सांस्कृतिक प्रतिभा

डी.बी.एस. कॉलेज कानपुर में हर वर्ष की भांति 2025 का 'अभिव्यक्ति' वार्षिकोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न किया गया। कार्यक्रम...

सुगम यातायात मुहैया कराने वाले 150 कर्मचारी सम्मानित

उत्कृष्ठ सेवाकार्य करने वाले अधिकारी व कर्मचारी हुए सम्मानित इंडिया समाचार न्यूज़ कानपुर। कानपुर श्रमिक समाज कल्याण संघ की...

कानपुर देहात में औद्योगिक क्षेत्र में छापेमारी

कानपुर देहात में औद्योगिक क्षेत्र में छापेमारी की गई। इंडिया समाचार न्यूज़ कानपुर। कानपुर देहात में औद्योगिक इकाइयों द्वारा...

पुरानी पेंशन बहाली की मांग

कानपुर आयुध निर्माणी के बाहर प्रदर्शन करते कर्मचारी कानपुर में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री इम्प्लाइज यूनियन ने पुरानी पेंशन बहाली और...