कानपुर के नामी मयूर ग्रुप पर दूसरे दिन शुक्रवार को भी आयकर की छापेमारी जारी है। इस दौरान टीम को मयूर ग्रुप के मालिक के फ्लैट में एक खुफिया कमरा मिला है। सूत्रों के मुताबिक, इसमें से 3 करोड़ का सोना और 3 करोड़ का कैश बरामद हुआ है। यही नहीं, अफसरों को करोड़ों की टैक्स चोरी, रियल एस्टेट में काली कमाई खपाने के साक्ष्य मिले हैं।
दरअसल, छापेमारी के दौरान एक अफसर ने शक के आधार पर शीशे पर हाथ लगाया तो कमरे का दरवाजा खुल गया। 150 ऑफिसर्स की टीम मयूर ग्रुप के सिर्फ कानपुर में ही नहीं, देशभर के करीब 50 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें मुंबई के 3, सूरत के 3, कोलकाता के 3, मध्यप्रदेश के 15 और उत्तर प्रदेश व दिल्ली 25 से ज्यादा ठिकाने शामिल हैं।
दरअसल, शुक्रवार को आयकर की टीम मयूर ग्रुप के मालिक मनोज गुप्ता के एमराल्ड गार्डन स्थित फ्लैट में टीम जांच कर रही थी। इसी दौरान एक अफसर को कमरे में लगे एक शीशे पर संदेह हुआ। अफसरों ने हाथ लगाया, तो उसमें पुस का बटन दिखा। टच करते ही उसके पीछे लगा खुफिया कमरे का दरवाजा खुल गया। अफसरों ने कमरे की जांच की, तो अंदर कैश के साथ में सोने के सिक्के और बिस्कुट थे। इसके साथ ही जमीनों के दस्तावेज मिले।
बोगस लोन और कंपनियां के सबूत मिले
सूत्रों की माने तो मयूर ग्रुप ने एक ऐसी कंपनी से 25 करोड़ का लोन दिखाया है, जो असलियत में है ही नहीं। रिकॉर्ड्स के मुताबिक, मयूर ग्रुप ने कोलकाता, मुंबई और दिल्ली की सेल कंपनियों से लोन दिखाए हैं। इसके साथ ही कई ऐसी कंपनियों से बोगस परचेज दिखाए हैं, जो वास्तविकता में है ही नहीं।
करोड़ों की कर चोरी, रियल एस्टेट में खपाई काली कमाई
टीम में शामिल एक अफसर ने बताया, ”शुरुआती जांच में कंपनी की करोड़ों रुपए की काली कमाई का सुराग मिले हैं। इसके साथ ही कंपनी अपना काला पैसा रियल एस्टेट में खपा रही थी। बड़े पैमाने पर अनियमितता मिलने के चलते जांच अभी जारी रहेगी। जांच पूरी होने पर इसका डिटेल जारी करेंगे।”
कंपनी ने फिर से SAFTA एग्रीमेंट का उल्लंघन किया
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शुरुआती तौर पर ऐसे सबूत मिले है। जिसमें अंदेशा है कि कंपनी कस्टम ड्यूटी बचाने के लिए एग्रीमेंट का उल्लंघन कर रही थी। आपको बता दें कि दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की मुक्त व्यापार व्यवस्था है। SAFTA के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका से यह कंपनी माल खरीद रही थी। जांच में सामने आया है कि कंपनी ने एक बार फिर से कस्टम ड्यूटी बचाने के लिए बड़े पैमाने पर साफ्टा के नियमों का उल्लंघन किया है।